प्रतिकूलता में अवसर।
Opportunity in adversity
आज जब सम्पूर्ण जगत इस अदृश्य महामारी से त्रस्त हो चुका है, ऐसे हालात में अर्थव्यवस्था को पुनः ढर्रे पर लाना एक बड़ी चुनौती है। प्रधानमंत्रीजी ने जो "आत्मनिर्भर" शब्द का मंत्र दिया था, सभी लोगो ने अपने अपने अनुसार उसका मतलब निकाला।
आइए देखते हैं कि एक सही मायने में आत्मनिर्भरता क्या होता है?
राष्ट्र की सबसे छोटी इकाई है परिवार।
परिवार < समाज < राष्ट्र। संकीर्ण रूप से देखे तो जब कोई व्यक्ति, अपने जीविकोपार्जन हेतु खुद कोई उत्पादक कार्य करता है तो हम उसे आत्मनिर्भर बोल सकते हैं। बृहत रूप से राष्ट्र स्तर पर देखे तो जब कोई राष्ट्र अपनी सारी आवश्यकता की पूर्ति खुद के अंदर के संसाधन से कर पाने में सक्षम हो तो उसे आत्मनिर्भर देश बोल सकते हैं। इस संदर्भ में देखे तो हम कभी आत्मनिर्भर नहीं हो सकते, क्योंकि मेडिकल गुड्स से लेकर तमाम उद्योग के लिए हम कच्चे माल का आयात करते रहे हैं। और करते भी रहेंगे। हम सेना के लिए राफेल जैसे लड़ाकू विमान विदेशों से खरीद रहे हैं, और ये सही भी है क्योंकि लागत कम पड़ती है और खुद इसका निर्माण करना बहुत कठिन है, आम उपभोक्ता उत्पाद की तरह बाज़ार में इसकी मांग नहीं है।
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हम कैसे आत्मनिर्भर बन सकते हैं??
सबसे पहले बात करते हैं छोटे कामगारों की।
बेशक आज सबका रोजगार छीन गया है, परन्तु दुनिया की मांग को पूरा करने के लिए कुछ महीनों के बाद पुनः सारे उद्योग खुलेंगे। और जो कारखानों में काम करते है तो वहां पुनः रोजगार प्राप्त करेंगे, और उन्हें अपना घर छोड़कर जाना भी चाहिए। जो लोग निर्माण उद्योग में लगे हुए हैं, उनमें से बहुत लोग पुनः वहां नियोजित हो जाएंगे।
जो लोग ठान लिए हैं कि अब बाहर नहीं जाना है(मुख्यत बिहार के मजदूर वर्ग,) वो अपने गृह प्रदेश में रोजगार पा सकते हैं। पर कैसे? ये प्रश्न हम सबको परेशान करता है।
बीते कुछ दिनों से ट्विटर पर बिहारी युवा वर्ग के द्वारा बहुत सारे हैशटैग ट्रेंड करवाए जा रहे हैं। जैसे कि #industryinbihar, #BadloBihar, #biharmerozgaar, #letschangebihar, आदि। मांग भी सही है, क्यूंकि कुछ साल पहले तक चीनी, जुट, सिल्क, मछली, फसल, और कुछ कुटीर उद्योग में बिहार बहुत अव्वल था परन्तु आज बिल्कुल उदासीन हो चुका है।
मैं राजनीतिक पहलुओं पर ध्यान नहीं देना चाहूंगा, क्यूंकि सरकार अपना फ़र्ज़ कितना निभा रही है ये सब अपने अनुसार समझ रहे हैं। भारत दुनिया का सर्वाधिक युवा आबादी वाला देश है। बिहार में लाखों ऐसे युवा हैं जो 22 से 30 वर्ष के बीच के हैं और खुद को बेरोजगार मानते हैं। ये मुुख्यतः स्नातक कर के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे रहते हैं। बिहार को अन्य राज्यो की तरह ये लोग मिलकर मुख्य धारा में ला सकते हैं। इसके लिए इन्हें खुद का छोटा बड़ा स्टार्टअप शुरू करना पड़ेगा। 2-4 लोग मिलकर भी कोई बिजनेस शुरू कर सकते हैं। शीलाई, कढ़ाई, पापड़, अच़ार, जुट निर्मित, पैकिंग इंडस्ट्री, कृषि उत्पाद को पैकिंग लेबलिंग कर के बेचना, ई कॉमर्स, डिलीवरी सर्विस, मिट्टी के उत्पाद, टेंट हाउस, अगरबत्ती निर्माण, जैसे अनेकों लघु एवं मध्यम उद्योग में या तो खुद नियोजित हो सकते हैं, या इनमें नियोजित लोगो को बिक्री के लिए एक प्लेटफॉर्म दे सकते हैं। बिहार में मानव पूंजी पर्याप्त है। बस सही दिशा में ज्ञान, कौशल, प्रद्यौगिकी को लगा के इस पूंजी को हमे संसाधन बनना है। पढ़े लिखे युवाओं को आगे आना होगा तथा खुद का स्टार्टअप शुरू कर के जितने भी दिहाड़ी श्रमिक बाहर से आए हैं उन्हें रोजगार देना होगा। और इस जोश में सरकार यदि चीनी, सिल्क जैसे बंद पड़े उद्योगों को खोल देती है तो बल्ले बल्ले है। जो लोग आज बिहार के बाहर जा के सर्विस सेक्टर में काम कर रहे हैं, तथा इस महामारी के समय भी वहीं हैं, उनको भूल जाइए। आज बिहार में इस बात का हल्ला मचा हुआ है कि जो बाहर जा के समृद्ध हो चुके है उन्हें बिहार वापस आना चाहिए और बिहार को समृद्ध बनना चाहिए। अरे छोड़िए उनको। अभी भी जो बाहर जा रहा है पढ़ने जाने दीजिए। सबसे पहले 4-5 का ग्रुप बनाईए और सूक्ष्म लघु मध्यम आकार के उद्योग लगाइए, कुछ कैपिटल अपने घर से लगाइए, कुछ बैंक से कर्ज लीजिए। खुद को आत्मनिर्भर बनाईए, और अपने दिहाड़ी श्रमिक बंधुओं का साथ लीजिए, और उन्हें भी रोजगार दीजिए। जो लोग कंपटीशन की तैयारी में बहुत पढ़ चुके हैं, वो सब मिलकर टीम बनाकर शिक्षण कार्य शुरू कर सकते हैं।
इस तरह से हम खुद के बल पर खुद को आत्मनिर्भर बना सकते हैं, तथा बाकियों के लिए भी रोज़गार सृजित कर सकते हैं।
सदियों से आज तक बिहार में वो पोटेंशियल है कि यह देश को रास्ता दिखा सकता है।
जय हिन्द।
आशीष आनंद
मधुबनी
ReplyDeleteDhanyawad lekhak Ji #aatamnirbar ke baare me bistarit roop SE jaankari pradan karne ke liye.
Thanks
DeleteBahut hi achha
ReplyDeleteबहुत बढ़िया मित्र
ReplyDeleteथैंक्स मित्र
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