त्वरित टिपण्णी : Dhruv Rathee, his video and democracy in 🇮🇳

Hello everyone. Most of you must watched recent video of Dhruv Rathee, and now thinking that whether democracy in India is in danger? Today i will share some facts and additional comments on several lines of his video. Below Screenshot is the video of Rathee on which i will be commenting. The language of article will is hinglish. 

Article might be long, but not enough, you can read it in 23 minutes. And after reading go to YouTube and watch again his video. Then you will easily differentiate how facts can be manipulated and half information delivered. 

If you need further clarification, then please comment at the end. 

Now come to topic. 

In starting he says : पिछले 1 महीने में जो हुआ उस से आपकी आंख अवश्य खुल जानी चाहिए। 

उनके अनुसार आखिर ऐसा क्या हुआ?

▪️Arvind Kejriwal arrested without money trail. 
▪️ PM Modi personally selected and appointed new election commissioners. 
▪️ Electoral Bond - he allegedly declared it as scam, और इसको मीडिया न्यूज से गायब कर दिया गया। 
▪️ Congress bank account freeze, Income Tax department issues 1700 cr fine to congress.
▪️ Print media houses rejected to publish one of the advertisement of congress. 
▪️ Horse trading of MP and MLA
▪️ No jobs to youths

Let's clear all these allegations one by one, then i will further move to next part and allegations of video.

He mentioned Satyendra Jain arrest too. So Jain arrested in 2022 under a case registered in 2017. The money laundering case under PMLA Act says that "during the period 2015-16, when Satyendar Kumar Jain was a public servant, the companies beneficially owned and controlled by him received accommodation entries to the tune of Rs 4.81 crore from shell (paper) companies against cash transferred. Above comment is copied from Times of India, full article can be read by clicking here.

ED took 5 year to arrest him, very slow job😬

❗Now Kejriwal arrest: ED first summoned Kejriwal in October 2023, almost 6 monts ago. Since then he is summoned 9 times, and he never appeared before ED, उन्होंने कई बहाने बनाए, कभी health issues, कभी विपासना में योग करने जाना है तो कभी विधानसभा सत्र चल रहा था। Because he was preety sure that ED will arrest him after questioning so he escaped जब तक escape किया जा सकता था। Kejriwal softly इस मामले को चुनाव के नजदीक खींच कर लाए जिस से public affection मिल सके। 

❗In his video he said that: According to ED, full AAP party is guilty in liquor scam of 100cr. Atishi ( AAP leader ) in press conference said that AAP is not guilty because no proof and money trail is found yet. So there is no point of Kejriwal arrest. 
Irony is that Dhruv believes on politician Atishi and not on ED and courts. 

❗Rahul Gandhi said on kejriwal arrest: "डरा हुआ तानाशाह मारा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है". And this is what congress party said in 2023 after liquor scam. Read this news article by NDTV dated 4 Feb 2023, by clicking on its headline. 

❗Neither Dhruv nor Ravish kumar condemn this double standard of Congress party. Nobody ask from kejriwal that ईडी के 9 समन ( बुलावे) पर जब आप नही गए वो आप बाबा साहेब के संविधान और लोकतंत्र का सम्मान किए and 10th summon में ईडी आपको गिरफ्तार कर लिया तो संविधान और लोकतंत्र खतरे में आ गया? यह कैसे संभव है कि सारा इन्वेस्टिगेशन के बाद ही आपको गिरफ्तार किया जाए? आज आप न्यायिक हिरासत में हैं, ED यदि कोर्ट को पुख्ता सबूत नहीं दे पाएगी तो आपको बेल मिल जायेगा। 

❗Dhruv also claimed that modi amended PMLA act 2002 in 2018, now nobody could get bail until proven innocent. This is wrong. If ED unable to fetch and prove money laundering trail, then court will give bail. 2 days ago, AAP Sanjay Singh gets bail. These offences are bailable too. And when case is so much high profile, then neither court nor ED wants to make their joke. मनीष कश्यप पर NSA लगा था, वह भी non bailable है, लेकिन 7 महीने में तमिल नाडु हाई कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में NSA हटा दिया। Believe in judiciary, आप बड़े लोग हैं, आपके लिए सुप्रीम कोर्ट 12 बजे रात में भी खुल जाता है और भारत के 139 करोड़ जनता से ज्यादा जल्दी जल्दी आपको कोर्ट अगला डेट दे रहा है। 

Freedom of Expression:
अभिव्यक्ति की आजादी के बीच कोई रुकावट या बाधा नहीं आ रही है। समस्या ये है कि जो आदमी बोलने के लिए स्वतंत्र है वह खुद बिका हुआ है। Balanced opinion कोई नही दे रहा, कुछ लोग हर चीज में negative point of view निकाल रहे तो कुछ लोग positive. अभिव्यक्ति की आजादी का ये मतलब नहीं है कि लोकतांत्रिक पद पर बैठे व्यक्ति को आप गाली दें। और न आप फेक न्यूज फैलाएं। ट्विटर और इंस्टाग्राम कमेंट बॉक्स में लोकतंत्र की दुहाई देने वाले आपको कई आईडी मिल जायेगी जो बीजेपी कांग्रेस केजरीवाल को freedom of expression के नाम पर खुलेआम गाली देती रहती है। हाल ही में कई ट्विटर अकाउंट को बंद किया गया है क्योंकि उस में सम्मिलित लोग किसान आंदोलन के समय फेक न्यूज फैला रहे थे। 

Electoral Bond Case:

पूरे विश्व में सभी जगह पार्टी और सरकार को चंदे कंपनियां और उद्योगपति लोग ही देते हैं। Electoral Bond वैसा कांसेप्ट था, जिसमें चंदा कौन दिया किसको दिया ये बस उसी दोनो को पता होता था, उसके अलावा किसी को नही। इसके पीछे यह लॉजिक था कि कल हो के यदि सरकार बदल जाए और नए सरकार को ये पता रहे कि फलाने लोग फलाने लोग को पैसा दिए थे तो नया सरकार उन फलाने डोनर पर सिकंजा कस सकती है। 

Electoral Bond वाला method parliament से अप्रूव हुआ था, इसलिए u can't call it unconstitutional. Electoral Bond वाला method आने से पहले भी राजनीतिक दलों को चंदा कम्पनियां ही देती थी। जब मोदीजी bond का कांसेप्ट लाए तब कोई विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध नहीं किया था। 

फिर सुप्रीम कोर्ट ने क्यों bond वाले सिस्टम पर रोक लगा दिया और सारे डोनर का लिस्ट मांगा?

इसलिए क्योंकि लोकतंत्र में जनता मालिक होती है, जनता को यह जानने का पूरा हक है कि हम जिस राजनीतिक दल को चुन रहे हैं, उनको पैसा कहां से आ रहा है। यह right to information के दायरे में होना चाहिए। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने गोपनीय ढंग से चंदा लेने वाला सिस्टम बंद कर दिया, और कहा कि कौन कौन कितना किसको दिया है सारा डिटेल सार्वजनिक किया जाए। 

बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा क्यों मिला?

क्योंकि सरकार बीजेपी की है वो भी पूर्ण बहुमत की, जहां से ज्यादा प्रसाद मिलता हुआ दिखेगा आप वहीं चंदा दोगे। जिस स्टेट में ज्यादा इंडस्ट्री है, जिसका जीएसटी कलेक्शन ज्यादा हो रहा है उन स्टेट में भी बीजेपी की ही सरकार है। 
2014 से पहले अंबानी और अडानी कांग्रेस को ही ज्यादा चंदा देते थे। अंबानी और अडानी शून्य से इतने बड़े बिजनेसमैन बने वो कांग्रेस कल में ही बने। कल यदि INDI ALLIANCE की सरकार बन जाती है तो सब फिर उनको ही चंदा देंगे। 

यह BITTER TRUTH है कि कोई भी सरकार को बनाने में सबसे ज्यादा योगदान गरीब और मिडिल क्लास वोटर्स का है। लेकिन सरकार चलाने में, अपने पसंद की कानून और योजना लागू करवाने में उद्योगपतियों और अमीरों का ही चलता है। 

" कांग्रेस वालों को तो ये सोचना चाहिए कि ममता बनर्जी की TMC जिसका बस एक राज्य में सरकार है उनको कांग्रेस से ज्यादा चंदा मिल रहा। "

Electoral Bond को स्कैम कहना शुद्ध बेवकूफी का सूचक है। 

अगला आरोप:

❗मोदी और अमित शाह मिलकर अकेले 2 चुनाव आयुक्त को चुन लिए। 

तथ्य : जब 3 दिन में आम चुनाव का code of conduct लागू करना हो, और 2 ELection Commissioner का पद खाली हो तो कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का ये बयान कि उनको लिस्ट पर विचार करने का उचित समय नही दिया गया, कैसे दिया जाता? सबकुछ 1 दिन के अंदर ही करना था। 

ध्रुव के अनुसार: 2 जो नए चुनाव आयुक्त बने हैं वो दोनो रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं। एक home ministry में काम करते थे और दूसरा Ministry of Human Resources Development ( शिक्षा मंत्रालय में ), यूजर्स पहले वो उत्तराखंड के चीफ सेक्रेटरी थे। 

तो भाई... जो सीनियर आईएएस अधिकारी होता है, रिटायरमेंट के बाद भी स्वैच्छिक रूप से सेवा देना चाहता है उसे ही चुनाव आयुक्त बनाया जाता है। कोई भी बनता तो वह रिटायरमेंट से पहले निश्चित ही वह केंद्र सरकार के ही किसी मंत्रालय में होता, और 10 साल से बीजेपी की सरकार है तो निश्चित ही वह मोदी के अंदर ही काम कर रहा होता। 

फिर ध्रुव आगे बोलते हैं कि क्या इन election commissioner से expect किया जा सकता है कि ये इलेक्शन फेयर तरीके से करवाएंगे? 

हां भाई, हमेशा से यही होता आया है। यदि मोदी, शाह और अधीर रंजन चौधरी को छोड़ के राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और तेजस्वी यादव को ही चुनाव आयुक्त को चुनने का मौका दे दिया जाता फिर भी वह उसी लिस्ट में से चुनते जो लिस्ट उनको केंद्र सरकार देती। और उस लिस्ट में जितना भी नाम होता सारे लोग मोदी की किसी न किसी मंत्रालय में ही सेक्रेटरी रहे होते। और 75 साल से इलेक्शन फेयर होता आ रहा है कल भी फेयर ही होगा। Except 10-20% mistakes and frauds, जो पहले बूथ कैप्चर कर के होता था आज फर्जी वोट देकर होता है। 

कांग्रेस पार्टी की समस्याएं :
❗Congress की advertisement को प्रिंट मीडिया ने छापने से मना कर दिया। 
यह advertisement थी 👇

जब तक यह कोर्ट प्रूव नही कर देती है कि चंदा लेकर कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है या कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है इसलिए चंदा मिला है तब तक कैसे इस आरोप को कोई secular, socialist, democratic, republic मीडिया अपने अखबार में कैसे छाप दे? इलेक्टोरल बॉन्ड से जिस कांग्रेस को खुद कई सौ करोड़ की राशि मिली है वो कई हजार करोड़ चंदा लेने वाले बीजेपी को कैसे कह सकती है कि यह वसूली रैकेट है? 
यदि यही चीज अखबार में छपवाना था तो न्यूज के रूप में छपवा देते कि " कांग्रेस न आरोप लगाया कि बीजेपी एक तरफ से चंदा लेती है और दूसरी तरफ से कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट देती है " और ये चीज बयान के रूप में छपा भी था। 

इनकम टैक्स में एक बहुत बड़ी छूट है:

According to section 80GGB: 
यही आप non cash form में ( यानी बैंक ट्रांसफर या चेक ) से किसी भी रजिस्टर्ड पॉलिटिकल पार्टी को कितना भी रुपया चाहे 1 लाख करोड़ ही क्यों न हो डोनेट करते हैं तो आपको उस डोनेशन पर टैक्स नहीं लगेगा। 

लेकिन पॉलिटिकल पार्टी को वह सारा डोनेशन अपने income tax return में दिखाना पड़ेगा। 

एक बड़ी छूट यह भी है: 
According to section 13A: 
There is no any tax liability of political parties on their income from donation, house property, capital gains. They only need to compile all income details and sources and file their return within due date. 

Political parties के इनकम पर भी टैक्स चार्ज किया जाए ऐसा डिमांड क्या पता कोई क्यों नही करता?

कांग्रेस पार्टी donation को रिटर्न में नही दिखाई, इसलिए आज उनको income tax department से demand notice आया हुआ है। 

लेकिन एक बार फिर judiciary यानि कोर्ट ने कांग्रेस को चुनाव हो जाने तक income tax department को कोई penalty नही देने का रास्ता खोल दिया है। 

❗Dhruv Rathee alleged : मोदी सरकार कांग्रेस को खत्म करने की सारी कोशिश कर रही है। 
लेकिन हकीकत यह है कि congress को इंडिया गठबंधन खुद खत्म कर रही है। 
बिहार और उत्तर प्रदेश मिलाकर 120 लोकसभा सीट है। इन 120 सीट में कांग्रेस बस 20 सीट पर चुनाव लड़ रही। यदि अकेले रहती तो 120 पर लड़ती। 
Its common sense that जो ज्यादा लड़ेगा वही ज्यादा जीतेगा!

INDI Alliance समर्थकों के अनुसार:

सुप्रीम कोर्ट on odd day: Rahul Gandhi को बेल दिया, लोकतंत्र बचाया, electoral bond का data निकलवाया - लोकतंत्र रक्षक 
Supreme court on even day : केजरीवाल को बेल नही दिया। मस्जिद के जमीन पर राम मंदिर बना दिया, democracy खतरे में हैं और न्यायपालिका अंधी और गूंगी है। 

ध्रुव ने कहा : कई बीजेपी पॉलिटिशियन कह रहे हैं कि यदि बीजेपी 2/3rd majority लाती है तो हम संविधान बदल देंगे। 
संविधान बदलने का अभिप्राय है कि वो constitutional amendments करेंगे। न की संविधान ही नया बना देंगे। संवाधनिक संशोधन अभी तक 106 बार हो चुका है। 

My opinion:

" ऐसा मेरा मानना है कि किसी भी एक दल को अपने बदौलत तो तिहाई बहुमत नहीं मिलना चाहिए। वैसा हो जाने पर विपक्ष की कोई भूमिका ही नही बचेगी। उनके बात की कोई वैल्यू ही नही रहेगी। संसद के पटल पर हर सांसद बराबर है। सबकी बातों का विचारों का बराबर वैल्यू है। कब किस सरकार को अपने पावर का घमंड हो जाए, कब कौन निरंकुश हो जाए, कब देश में अराजकता हो जाए इसको नही होने देने के लिए एक दल को इतना सीट नहीं ही जितवाना चाहिए। जो देशहित में चीजें होती है वैसा constitutional amendments के लिए सब साथ आते ही हैं। धारा 370 हटाना हो या GST लाना हो, दोनो के लिए संविधान में संशोधन किया गया था, जो कि बीजेपी के पास दो तिहाई बहुमत नहीं होते हुए भी हो गया था। " 


Dhruv Rathee further alleged:

❗Calcutta High Court Judge resigned and then further joined BJP. He claimed that यदि ऐसे जज अपने पद पर रहते हुए पॉलिटिकल पार्टी के संपर्क में रहेंगे तो judiciary को कैसे आजाद कहा जा सकता है?

लेकिन ये तो संविधान की फॉल्ट है। न्यायपालिका भी सरकार की ही अंग होती है। तो दोनो के बीच दोस्ती रहना स्वाभाविक ही है। And there is no any such provision of cooling off period after resignation of judge that thay can't join any political party. After resignation and retirement, one is free from their obligations, now they can do whatever they want. 

Dhruv forgot that several judges and advocates who are congress and INDI Alliance supporters protested many times againt central govt. 

What is this logic that protesting against BJP govt is good and ethical and joining BJP after retirement and resignation is bad and unethical? 

❗Another claim is that these days judges are giving more jails and not bails.. This is because the nature and level of crime which is increasing everyday. Crime, rape, murder, financial frauds are happening everyday. If police is investigating and providing proofs to court, then how can court direct to give bail and not jail??

❗Another claim is approx 9 lakh central govt jobs vacancies is there. Yes this is totally genuine concern. The slow habit of filling govt jobs position of BJP govt is unacceptable. 

❗He alleged that private sector jobs are declining since 2021. IT job hirings are less. This is because global recession. This govt promotes private sector jobs, many youths started their own startup and self enterpreneurship is booming. 

❗Another claim in his video that Haryana govt sending 10k labourers to Israel because there is no job in India. So may i derive similar conclusion that Dhruv is shooting video from Germany because there is no space and home in India? Sending labourers to foreign countries is very old decade practice. Professionals going to foreign for job is good thing and labourers going is interpreted as lack of work in domestic market??

❗He also alleged that BJP is controlling media and press.
My reply is several anchors and journalists, जो खुद को सच्चा देशभक्त बताते हैं और दूसरे को गोदी मीडिया, वो सब यदि एक साथ एक मंच कर आ जाएं और INDI Alliance जैसे पत्रकारों का गठबंधन बना लें, अपना मीडिया हाउस खोल लें, अपना पेपर छपवाएं और 3 रुपया में बेचें, सबका एड अपने पर चलाएं तो कितना बेहतर रहेगा? बहुत लोग हैं, सब साथ तो आ ही सकते हैं, क्योंकि सबका common goal भी एक ही है। कुछ लोगों के नाम जैसे: रवीश कुमार, अजीत अंजुम, पुण्य प्रसून बाजपेई, दिलीप मंडल, ध्रुव राठी, श्याम मीरा सिंह, श्याम रंगीला, बरखा दत्त, अभिसार शर्मा और भी बहुत कोई। मीडिया माउस जैसे the print, the quint, news laundary, news click, mojo story, और भी कईं हैं जो against BJP वाले विचारधारा के हैं। सब साथ आ जायेंगे तो कमाल हो जायेगा। आज तक एबीपी जी न्यूज जैसे तथाकथित गोदी मीडिया सबका दर्शक कम हो जायेगा। क्या पता क्यों नही ये लोग साथ आए हैं।

❗Another allegation about Horse Trading of MP and MLA. ( विधायकों को खरीद )
पैसे के लालच में कांग्रेस और बाकी सभी पार्टियों के विधायक बिकते क्यों हैं? उनका स्वार्थ उनको देश सेवा करने से कैसे रोक देता है? 

❗He also informed that Sweden based Varieties of Democracy Institute in recent ranking give India tag of "elctoral autocracy". It defines an electoral autocracy as one in which multiparty elections for the executive exist albeit with "insufficient levels of fundamental requisites such as freedom of expression and association, and free and fair elections".
Sweden whose population is approx a crore, out of which every 5th people are foreigners, having one institute that predicts 140cr Indians democracy level by sitting in their country decides fate of India's democracy. 
This is unimaginable that such educated and mature guy believes on such baseless reports. 

Ending of his video: 

And in the end he said, इस वीडियो को देखने वाला हर इंसान अपने आपको लोकतंत्र का रक्षक समझे। आपको 2 स्टेप में काम करना है। Step 1: Raise your voice via social media. यदि आप आवाज नही उठा सकते तो इस वीडियो को 100 लोग को भेंजे। 
Step 2: Go and vote this time, force every voter to vote. 

2nd appeal is really appreciable. In some seats only 52-55% voting happens. Means only half voters is deciding their representative. Voting in large masses is need of the hour. We are 96cr registered voters. Biggest in the world. Lets together celebrate this festival of democracy by voting. 

Dhruv के कंटेंट पर छोटी टिपण्णी : 

ध्रुव राठी पहले फैक्ट्स निकालते हैं, फिर उसको काट छांटकर उसकी दशा और दिशा बदलकर उसको manipulate करते हैं। चूंकि सालों से उनका reputation बना हुआ है इसलिए दर्शक भी देखने को उत्सुक रहते हैं। कोई किसी फैक्ट्स को न वेरिफाई करता है ना डीप में जाकर पढ़ता है। चूंकि ध्रुव बोल रहा है तो सही ही होगा, इस विश्वास पर लोग सब बात को अक्षरशः सत्य मान लेते हैं। ध्रुव का way of presentation काबिलेतारिफ है। यदि वो MBB जैसे consulting firms में रहते तो उनका पैकेज 4 करोड़ का होता😃

आप दर्शकों से यही गुजारिश है कि: 

राजनीति में कोई दूध का धुला नही है। हम हमेशा वोट देने जाते हैं तो कचड़े में से सबसे कम कचड़े को चुनने का प्रयास करते हैं। यहां सबके सब चोर हैं। सब अपने बात से पलटते हैं। ऐसा कोई नेता नहीं है जो न मुकरा हो, न झूठ बोला हो, न भ्रष्टाचार किया हो। बस पावर का खेल है, जिसके पास पावर है वो थोड़ा बहुत मिसयूज करेगा ही। बीजेपी भी मिसयूज करती है। फर्क बस यही है कि बीजेपी 90% misuse लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीका से करती है। सबके गुनाह का स्क्रुटनी इसी धरती पर हो जायेगा। वक्त के साथ बस देखते जाइए। 
दूसरों का ओपिनियन वाला न्यूज कम देखिए। फैक्ट्स देखिए, उसके बाद खुद का ओपिनियन बनाइए। जितने भी लोग जो सोशल मीडिया क्रिएटर हैं, जिनके कंटेंट पर अच्छा खासा रीच आता है, चाहे किसी भी प्रकार का कंटेंट हो, सब परदे के पीछे किसी न किसी से मिले हुए हैं। हर पार्टी को पता है कि नेता का छवि जनता में चोर जैसा ही है। जनता सोशल मीडिया वाले टीचर, क्रिएटर, गाने वाले, नाचने वाले सबकी बातों को एक नेता से ज्यादा चाव और भाव से सुनते हैं। इसलिए सबको देखिए लेकिन बस खुद का सुनिए। टेक्स्ट फॉर्मेट में न्यूज और कंटेंट ज्यादा से ज्यादा पढ़िए, ट्विटर आदि पर अपना भी लिखिए। 
क्या manipulated है और क्या नहीं, यह डिसाइड कर पाना बहुत आसान नहीं है। और न हमारे आपके पास इतना वक्त है। आज झूठ बोलना, manipulated content परोसना भी एक प्रोफेशन है। अपने लाइफ गोल्स पर ज्यादा ध्यान दीजिए। देशभर में हजारों कॉलेज है जिसमें स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स हो रहा है। सैकड़ों पार्टियां है जिनके पास लाखों कार्यकर्ता हैं। वो सब लोकतंत्र बचाते रहेंगे। उनको जिम्मा लेने दीजिए। आप इस competitive world में अपना जिंदगी और कैरियर बचाइए। नही यदि आंदोलन ही करना है तो फुल टाइम करियर इसी में बना लीजिए। 


ध्रुव का वीडियो देखने पर ऐड भी दिखता है और लाखों में एड रेवेन्यू मिला होगा। ये आर्टिकल एडलेस है। यदि आपको लॉजिकली बातें सही लगी है तो वैसे लोगों को अवश्य शेयर कीजिए जिन्हे पढ़ने आता हो। फिर भी वो इस सोशल मीडिया के दौर में मैनिपुलेट होकर रोज अपना ओपिनियन बदलते हों। 

इतना पढ़ने के बाद भी यदि आपमें पढ़ने का क्षमता बच रहा हो तो नीचे लिखे और आर्टिकल पढ़ सकते हैं😃
बाय बाय 
जय हिंद जय भारत! 🇮🇳

1 Comments

  1. अच्छा विश्लेषण है। लेकिन लोग लंबा कंटेंट नहीं चाहते हैं। उनको छोटे छोटे वीडियो में सब जानकारी चाहिए।

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